ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: |
मैने पूछा पपीहा से हे पपीहा |
तेरा किसके विरह मे तङपे जिया ||
है लगन मे मगन दिल किसको दिया |
पीपी करता बता तेरा कौन पिया ||
बोला ईश्वर वही मेरा प्यारा प्रभू |
ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ||
वही आकाश धन गिरि श्रंगो मे है |
वही ताल तडाग विहगो मे है ||
वही सिंधु की ताल तरंगो मे है |
वही रमा हुआ सब रंगो मे है ||
फूलो मे बसे उसकी खुशबू |
ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ||
भक्ति रस मे दयानन्द ऐसे बहे |
आजन्म अखंङ ब्रह्मचारी रहे ||
धर्म रक्षा के हित लाखो संकट सहे |
जाते जाते भी ऋ्षि यों कहते गये ||
तेरी इच्छा हो पूरण प्यारे प्रभू |
ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ||
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