Tuesday, April 30, 2013

BHAJAN - AJAB HAIRAN HU BHAGWAN

अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...
कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं...

करूं किस तौर आवाहन, कि तुम मौजूद हो हर जहाँ,
निरादर है बुलाने को, अगर घंटी बजाऊं मैं...
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...

तुम्हीं हो मूर्ति में भी, तुम्हीं व्यापक हो फूलों में,
भला भगवान पर भगवान को कैसे चढाऊं मैं...
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...

लगाना भोग कुछ तुमको, एक अपमान करना है,
खिलाता है जो सब जग को, उसे कैसे खिलाऊं मैं...
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...

तुम्हारी ज्योति से रोशन हैं, सूरज, चांद और तारे,
महा अंधेर है कैसे, तुम्हें दीपक दिखाऊं मैं...
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...

भुजाएं हैं, न सीना है, न गर्दन, है न पेशानी,
कि हैं निर्लेप नारायण, कहां चंदन चढ़ाउं मैं...
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...

BHAJAN : ULAJH MAT DILBAHARON ME

BHAJAN : ULAJH MAT DILBAHARON ME


उलझ मत दिल बहारों में,
बहारों का भरोसा क्या ।

सहारे टूट जाते हैं,
सहारों का भरोसा क्या ॥

तमन्नाऐं जो तेरी हैं,
फुहारें हैं ये सावन की ।

फुहारें सूख जाती है,
फुहारों का भरोसा क्या ॥

तू इन फूले गुब्बारों पर,
अरे दिल क्यों फिदा होता ।

गुब्बारे फूट जाते हैं,
गुब्बारों का भरोसा क्या ॥

तू सम्बल नाम का लेकर,
किनारों से किनारा कर ।

किनारे टूट जाते हैं,
किनारों का भरोसा क्या ॥

अगर विश्वास करना है,
तो कर अपने ही दाता पर ।

धनी अभिमानी लोभी,
दुनियादारी का भरोसा क्या ॥

परम् प्रभु की शरण लेकर,
(माया) विकारों से सजग रहना ।

कहां कब मन बिगड जाये,
माया-विकारों का भरोसा क्या ॥

तू अपनी अक्लमंदी पर,
विचारों पर न इतराना ।

जो लहरों की तरह चंचल,
विचारों का भरोसा क्या ॥
 

BHAJAN : ASARA ES JAHA KA MILE NA MILE

BHAJAN : ASARA ES JAHA KA MILE NA MILE


आसरा  इस  जहाँ  का  मिले  न  मिले,
मुझे  तेरा  सहारा  सदा  चाहिए|
 
चाँद  तारे  फलक  पर  दिखे  न  दिखे,
मुझे  तेरा  सहारा  सदा  चाहिए|
 
आसरा इस  जहाँ  का  मिले  न  मिले,
मुझको  तेरा  सहारा  सदा  चाहिए|
 
यहाँ  खुशियाँ  है  कम  और  ज्यादा  है  गम,
जहाँ   देखो  वही  है  भ्रम ही  भ्रम|
 
मेरी  महफ़िल  में  शंमा  जले  न  जले,
मेरे  दिल  में  उजाला  तेरा  चाहिए|
 
आसरा  इस  जहाँ  का  मिले  न  मिले,
मुझे  तेरा  सहारा  सदा  चाहिए|
 
कभी  वैराग  है  कभी  अनुराग  है,
जहाँ   बदले  माली  वही  बाग़  है|
 
मेरी  चाहत  की  दुनिया  बसे  न  बसे,
मेरे  दिल  में  बसेरा  तेरा  चाहिए|
 
आसरा  इस  जहाँ  का  मिले  न  मिले,
मुझे  तेरा  सहारा  सदा  चाहिए |
 
मेरी  धीमी  है  चाल  और  पथ  है  विशाल,
हर  कदम  पर  मुसीबत  अब  तू  संभाल|
 
पैर  मेरे  थके  है  चले  न  चले,
मेरे  दिल  में  एक  इशारा  तेरा  चाहिए|
 
आसरा इस  जहाँ  का  मिले  न  मिले,
मुझको  तेरा  सहारा  सदा  चाहिए||